विद्यार्थियों की आत्महत्या: युवाओं की लगातार जान जाना व्यवस्थागत विफलता को दर्शाता है:शीर्ष अदालत
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि आत्महत्याओं के कारण युवाओं की लगातार जान जाना ‘व्यवस्थागत विफलता’ को दर्शाता है और इस मुद्दे को ‘अनदेखा नहीं किया जा सकता’। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने इस मुद्दे से निपटने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर कई दिशानिर्देश पारित किए और कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा 2022 में ‘भारत में आकस्मिक मौतें और आत्महत्याएं’ शीर्षक से प्रकाशित आंकड़े ‘बेहद चिंताजनक तस्वीर’ पेश करते हैं। -- भाषा