1 विक्रेता का उर्वरक लाइसेंस निरस्त, 24 के लाइसेंस निलंबित करने के साथ 1 बिक्री केंद्र किया गया सील

गोंडा-जनपद में किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रशासन की ओर से सख्त और ठोस कदम उठाए गए हैं।  

किसानों को उर्वरक की समयबद्ध उपलब्धता, सुगम वितरण और गुणवत्ता की गारंटी देने के लिए आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने के साथ ही कालाबाजारी और कृत्रिम संकट की संभावनाओं पर भी पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित किया गया है।

जिला प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर किसान को उसकी जोत और आवश्यकता के अनुसार उचित मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हो सके। छोटे और सीमांत कृषकों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि खाद की किल्लत जैसी कोई स्थिति न उत्पन्न हो।

प्रतिदिन औसतन 1,000 मीट्रिक टन यूरिया वितरित-

जनपद में इस वर्ष खरीफ सीजन के लिए शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार सभी प्रमुख उर्वरकों – यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी एवं एसएसपी – की अग्रिम उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इनका वितरण सहकारी समितियों, गन्ना समितियों, इफको केंद्रों एवं अधिकृत फुटकर विक्रेताओं के माध्यम से किया जा रहा है।

वर्तमान में फुटकर बिक्री केंद्रों पर सभी प्रमुख उर्वरकों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है और प्रतिदिन औसतन 1,000 मीट्रिक टन यूरिया किसानों को वितरित किया जा रहा है। खेतों में धान व गन्ने की टॉप ड्रेसिंग की गतिविधियां तीव्र गति से चल रही हैं, जिसके लिए आवश्यक मात्रा में उर्वरकों की आपूर्ति निरंतर जारी है।

उर्वरकों की आपूर्ति श्रृंखला को गतिशील बनाए रखने हेतु जुलाई माह में अब तक 6,028 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति अतिरिक्त रूप से कराई जा चुकी है। आगामी दिनों में भी आपूर्ति की यह श्रृंखला जारी रहेगी।

नियमों के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई-

जिला कृषि अधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि उर्वरकों के भंडारण, परिवहन, विक्रय एवं मूल्य नियंत्रण हेतु जनपद स्तर पर प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही संचालित की जा रही है। इस क्रम में अब तक 374 औचक निरीक्षण/छापेमारी की गई, जिसमें 43 नमूने परीक्षण हेतु संग्रहित किए गए। नियमों के उल्लंघन पर 01 उर्वरक विक्रेता का प्राधिकृत विक्रय पत्र निरस्त, 24 विक्रेताओं के प्राधिकृत पत्र निलंबित, 28 विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस, 02 को चेतावनी जारी की गई, 01 विक्रय केन्द्र सील एवं 01 प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

इसके अतिरिक्त निर्देश दिया गया है कि किसी भी कृषक को एक बार में अधिकतम पांच बोरी एवं प्रति एकड़ दो बोरी यूरिया से अधिक न दी जाए, ताकि संसाधनों का संतुलित वितरण हो सके और अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। 

कृषकों की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम सक्रिय-

कृषकों की समस्याओं के त्वरित समाधान एवं आवश्यक मार्गदर्शन के लिए जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

हेल्पलाइन नंबर: 05262-796594

जनपद के किसानों को उर्वरक की किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए आपूर्ति से लेकर वितरण तक की प्रत्येक कड़ी पर बारीकी से निगरानी की जा रही है। शासन की मंशा के अनुरूप पारदर्शी, सुगम और नियंत्रित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। हमारा प्रयास है कि हर किसान तक समय से सही मात्रा में खाद पहुंचे।"

 -- नेहा शर्मा, जिलाधिकारी गोण्डा

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