गोरखपुर कैंट सैटेलाइट स्टेशन के रूप में और बेहतर रूप से कार्य करेगा
गोरखपुर- परिचालनिक सुगमता हेतु मूलभूत ढ़ाँचे में विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण हेतु पूर्वोत्तर रेलवे के डोमिनगढ़-गोरखपुर जं.-गोरखपुर कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन तथा गोरखपुर जं.-नकहा जंगल दोहरीकरण परियोजना (22 किमी.) रू. 520 करोड़ की लागत से पूर्ण की गई है। इस परियोजना के अन्तर्गत अन्तिम चरण में गोरखपुर जं.-डोमिनगढ़ (04 किमी.) तीसरी लाइन तथा गोरखपुर-नकहा जंगल (05 किमी.) दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है।
रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्किल प्रणजीव सक्सेना ने 26 सितम्बर, 2025 को इस नवनिर्मित तीसरी लाइन तथा दोहरीकरण का निरीक्षण तथा सफल स्पीड ट्रायल किया। गोरखपुर जं.-डोमिनगढ़ तीसरी लाइन तथा गोरखपुर-नकहा जंगल दोहरीकरण एवं गोरखपुर जं. स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज (एफ.ओ.बी.) के डिस्मेंटल कार्य में लगभग 250 विभागीय और संविदा कर्मचारी कार्यरत थे। सभी कार्यों को निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप निष्पादित किया गया है।
डोमिनगढ़-गोरखपुर जं.-गोरखपुर कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन तथा गोरखपुर जं.-नकहा जंगल दोहरीकरण परियोजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में नकहा जंगल यार्ड; द्वितीय चरण में गोरखपुर कैंट-कुसम्ही (9.80 किमी.); तृतीय चरण में डोमिनगढ़ यार्ड; चौथे चरण में गोरखपुर जं.-गोरखपुर कैंट (3.5 किमी.) तथा पाँचवे एवं अन्तिम चरण में गोरखपुर जं.-डोमिनगढ़ (04 किमी.) तीसरी लाइन तथा गोरखपुर-नकहा जंगल (05 किमी.) दोहरीकरण का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया।
डोमिनगढ़-गोरखपुर जं.-गोरखपुर कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन तथा गोरखपुर जं.-नकहा जंगल दोहरीकरण परियोजन के अन्तर्गत डोमिनगढ़, गोरखपुर जं., गोरखपुर कैंट, कुसम्ही तथा नकहा जंगल स्टेशनों पर ट्रेनों का संचलन अब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ई.आई.) प्रणाली के माध्यम से किया जा रहा है। डिजिटलाइजेशन की दिशा में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ट्रेनों के संचालन को संरक्षित एवं सुगम बनाती है।
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग मानवीय त्रुटि की सम्भावना को कम करता है, जिससे संरक्षा में सुधार होता है, यह सिस्टम तेजी से कार्य करता है जिसके फलस्वरूप ट्रेनों का आवागमन बेहतर होता है, इसका मेंटेनेंस कम है, भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये इस सिस्टम को अपडेट करना आसान है तथा इसे कम स्थान पर स्थापित किया जा सकता है। इससे ट्रेनों का संचलन कम्प्यूटर डिस्प्ले पर माउस के एक क्लिक से किया जा रहा है।
तीसरी लाइन के निर्माण से लाइन क्षमता में वृद्धि होगी एवं मांग के अनुरूप ट्रेनें अधिक संख्या में तीव्र गति से चलाई जा सकेंगी। यात्री ट्रेनों का संचलन और अधिक सुचारू रूप से होगा, समय पालन में सुधार होगा। इसके साथ ही इस रेल खंड पर चलने वाली मालगाड़ियों के संचलन समय में भी कमी आयेगी, जो व्यापारियों/उद्यमियों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा।
इसके अतिरिक्त तीसरी लाइन पर आवागमन आरम्भ हो जाने से गोरखपुर कैंट सैटेलाइट स्टेशन के रूप में और बेहतर रूप से कार्य करने लगेगा।
इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी तथा इससे कृषि, व्यापार, वाणिज्य, शिक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा आदि जैसे कई क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से यात्रियों की आवाजाही सुगम होगी तथा यात्री ट्रेनों के परिचालन को बढ़ाने में मदद मिलेगी।