भैरहवा, बुटवल, सिंहदरबार समेत कई इलाकों में भी कर्फ्यू

बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच नेपाल ने भारत से लगी भैरहवा सीमा पर कर्फ्यू लगा दिया है। तराई क्षेत्र के कई शहरों में प्रदर्शन फैल गए हैं और प्रदर्शनकारी बदलाव की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। लुंबिनी ज़िले में भैरहवा सीमा पर कर्फ्यू अशांति को नियंत्रित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों का हिस्सा है। 

प्रमुख राजनीतिक दल सीपीएन (माओवादी सेंटर) और सीपीएन (एकीकृत समाजवादी) भी मौजूदा संकट के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए बदलाव की मांग में शामिल हो गए हैं। इन सब के बीच पीएम ओली-राष्ट्रपति के आवासों के आसपास सुरक्षा बढ़ाई गई।

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को तैनात किया गया है। काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन के आसपास के क्षेत्रों में अशांति को रोकने के लिए अपराह्न 12:30 बजे से रात 10:00 बजे तक निषेधाज्ञा लागू की। 

मुख्य जिला अधिकारी छवि लाल रिजाल ने एक नोटिस में कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्र में लोगों के आवागमन, प्रदर्शन, बैठक, सभा या धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी। स्थानीय प्रशासन ने बाद में ये प्रतिबंधात्मक आदेश राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में भी लागू कर दिए।

स्थानीय प्रशासन ने बाद में ये प्रतिबंधात्मक आदेश राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में भी लागू कर दिए। नेपाल सरकार ने अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर चार सितंबर को फेसबुक, व्हाट्सऐप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगा दिया था। 

सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध उन्हें विनियमित करने के लिए लगाया गया है, लेकिन आम जनता में धारणा यह है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला होगा और सेंसरशिप की नौबत आ सकती है।


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