शहरी क्षेत्रों में छतों पर होगी जैविक बागवानी
लखनऊ:शिक्षण संस्थानों में कृषि खाद्य संगोष्ठी जैसे कार्यक्रम आयोजित करने और खेती-बाड़ी की चर्चा होने तथा खेतों में गुणवत्तायुक्त फसलों के उत्पादन से विकसित भारत का निर्माण करने में सहायक सिद्ध होगा।
कृषि क्षेत्र में नवाचार से किसान उन्नति करेंगे। पारंपरिक खेती के साथ-साथ औद्यानिक व व्यावसायिक खेती में असीमित संभावनाएं हैं। यह बातें उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय कृषि खाद्य संगोष्ठी 2025 के समापन समारोह में कहीं।
उद्यान मंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के किसान मेहनत, तकनीकी और सरकार के सहयोग से औद्योनिक खेती कर आर्थिक रूप से सम्पन्न हो रहे हैं। औद्यानिक उपज के साथ प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी लाभ लेने के लिए सरकार अनुदान दे रही है। कम क्षेत्रफल में अधिक उपज और उसका सही ढंग से प्रसंस्करण किया जाए तो आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश से आत्मनिर्भर भारत बनाने में सफलता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की एक नई पहल के तहत घरों की छतों पर एवं गमलों में जैविक सब्जियां, फल, फूल आदि की पैदावार की जा सकेगी, इसके लिए उद्यान विभाग नागरिकों व बागवानों को प्रशिक्षण देने में तथा बीज से बाजार तक की उपलब्धता हेतु हर संभव सहयोग करेगा।