गांधी जी एवं उनका जीवन दर्शन विषय पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया




गोरखपुर-चौरी -चौरा शताब्दी समारोह एवं आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयन्ती के अवसर पर  02 अक्टूबर को ‘‘गांधी जी एवं उनका जीवन दर्शन‘‘ विषयक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। 


प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि  पुष्पदंत जैन, व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री, उ0प्र0 ने किया। 

प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए उन्होंने कहा कि आज दो महान विभूतियों का जन्मदिवस है। दोनो का जीवन देश सेवा के लिए समर्पित रहा। उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी के जीवन एवं दर्शन पर आधारित यह प्रदर्शनी अद्भूत है। युवा पीढ़ी को आकर इसका अवलोकन करना चाहिए तथा उनके सन्देश एवं आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। गांधी जी आजादी के महान नायक थे। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।


उक्त प्रदर्शनी में गांधी जी द्वारा अंग्रेजों के विरूद्ध किये गये अहिंसात्मक आन्दोलन की विभिन्न महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं के छायाचित्र का अवलोकन किया जा सकता है। 

देशभक्तिपूर्ण संघर्ष की इस वीरगाथा को छायाचित्रों के माध्यम से राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। प्रदर्शनी का मूल उद्देश्य सत्य अहिंसा के मार्ग पर चलकर देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत करना व स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने का जज्बा पैदा करना है।

उक्त अवसर पर संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 मनोज कुमार गौतम ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी शांति पूर्वक ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा करते हुए आंदोलन किया था। गांधी जी के आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत को भारतीय जनता के संयुक्त शक्ति का एहसास कराया और देश की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया। सविनय अवज्ञा आंदोलन वह अंहिसक आंदोलन था, जिसमें रक्त का एक कतरा भी नही बहा, फिर भी इसने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में एक महत्वपूर्ण योगदान निभाया। वह महात्मा गांधी ही थे, जिनके कारण भारतीय स्वाधीनता संग्राम को अंतरराष्ट्रीय मंच मिला और उनके इस दृढ़ संकल्प तथा इच्छा शक्ति का लोहा पूरे विश्व ने माना। 


उन्होंने विश्व को अंहिसा की शक्ति दिखाई और लोगो को यह समझाया कि हर लड़ाई हिंसा से नही जीती जा सकती, बल्कि की कुछ लड़ाईया बिना खून की एक भी बूंद बहाये अंहिसा के मार्ग पर चलकर भी जीती जा सकती है। 

गांधी जी ने अंग्रेजी सरकार के कई कठोर अधिनियमों और कानूनो के खिलाफ अनेक आंदोलन जैसे चम्पारण सत्याग्रह, नमक सत्याग्रह, दांडी मार्च, भारत छोड़ों आन्दोलन आदि के साथ-साथ अनेक सामाजिक कार्य जैसे साबरमती आश्रम से सेवा कार्य, कुष्ठाश्रम से सेवा, नशामुक्ति सुधार आदि कार्य किए। जिनकी झलक उक्त छायाचित्र प्रदर्शनी में देखी जा सकती है।


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